गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

नचारी-तोरी सारी पोल मैं तो खोलिहौं -

संकर को पोटि के पियाय दियो घोर विष
असुरन को छल से छकाय दई वारुणी
मिलि-बाँटि देवन सों आप सुधा पान कियो
मणि सै लीन्हीं अरु लक्ष्मि मन-भावनी
*
तेरो ही प्रताप सारे खारे समुन्दर भे
तेरी इहै बान तू सबै का नचावत है
आप छीर -सागर में आँख मूँद सोय जात
लच्छिमी से आपुने चरन पलुटावत है
*
नारद सो भक्त ताकेी छाती पे मूँग दरी
सभा माँझ बानर को रूप दे पठाय के
उचक-उचक रह्यो मोहिनी बरैगी मोंहिं
बापुरो खिस्यायो तोसों सबै विधि हार के
*
अब सो बिगार मेरो कर्यो ना हे रमापति ,
तोरी सारी पोल नाहिं खोलिहौं बखान के
ढरे रहो मो पे नहीं चुप्पै रहौंगी नहिं
खरी-खरी बात बरनौंगी जानि-जानि कै
*
कोऊ उपाओ मेरे काज सुलटाय देओ
स्वारथ न मेरो ,सामर्थ तेरो ही दियौ
ऐसो न होय तो से वीनती है मोर ,
कहूँ धरो रह जाय मेरो सारो करो-धरो!
*
तोरा विसवास तो अब तब ही करौंगी
जब देख लिहौं के तू मेरे संग ठाड़ो आय के ,
चोर रे कन्हैया,चाल खेलत जनम बीत्यो ,
करौंगी सिकायत उहाँ जसुमति से जाय के!
***

1 टिप्पणी:

Taru ने कहा…

अब सो बिगार मेरो कर्यो ना हे रमापति ,
तोरी सारी पोल नाहिं खोलिहौं बखान के
ढरे रहो मो पे नहीं चुप्पै रहौंगी नहिं
खरी-खरी बात बरनौंगी जानि-जानि कै

...bahut hi achhe bhaav hain Pratibha ji....aur lay ka kya kehna..padhte padhte apne hi aap dhun banti chali gayi.....pata hi nhi chala kab kavita khatm hui....:)
ek baar padhne mein to bas labon ko lafzon ki lazzat mili.....fir dubara poori rachna padhi ..samajhne k liye...:)

upar chuna chhand bahut bahut pasand aaya..galti par bhagwanji ko aapne jis andaaz mein khari khari sunaane k dhamki di...swayam krishn bhagwanji bhi seham gaye honge...kavita padhkar...:)

तोरा विसवास तो अब तब ही करौंगी
जब देख लिहौं के तू मेरे संग ठाड़ो आय के ,
चोर रे कन्हैया,चाल खेलत जनम बीत्यो ,
करौंगी सिकायत उहाँ जसुमति से जाय के!

........
:) ji main bhi shiayat karungi....aise bhaav mere hriday mein kyun nahin upaje kabhi...is baat ki...:)


bahut seedhi sachchi kavita hai....mere jaison k liye aasani se samajhne yogya...jisse main khud ko jod saki..

aapka aabhar....
aapke shabdon ki drishti se maine doosri baar fir se krishn ji ko prnaam kiya......
now m wishing k ek aur is tarah ki krishnmayi kavita paaun aapke blog per.........lets see..:)